Thursday, April 03, 2025
उच्च न्यायालयों में जजों की बहाली का मामला
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संवैधानिक पदों पर "चुनाव / बहाली" देश के प्रशासन, विकास, सामाजिक न्याय, शांति और आर्थिक प्रगति वगैरह के लिए सबसे अहम प्रक्रियाएं हैं० ये पद हैं- राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, चुनाव आयोग, उच्चतम तथा उच्च न्यायालयों के जज, राज्यों के राज्यपाल, CAG, रिजर्व बैंक का गवर्नर, संसद के सभापति, सेना के सभी अंगों के प्रमुख, प्रदेशों में ऐसे ही प्रमुख पद वगैरह० इस प्रक्रिया में संविधान द्वारा प्रदेशों को तो कोई अधिकार ही नहीं दिया गया है०
आजादी से अब तक 75 सालों में भारत में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की बहाली के तरीकों को लेकर बड़ी बहस तथा जजों और केंद्र सरकार के बीच झगड़े- खींचातानी होते रहे हैं०
हमे ऐसा लगता है कि इन बहसों में अन्य लोकतान्त्रिक देशों में ऐसे पदों के चुनाव / बहाली की कार्य प्रणाली का संज्ञान बिल्कुल ही नहीं लिया गया है०
आज अमेरिका के एक प्रदेश विस्कॉन्सिन (Wisconsin) के सुप्रीम कोर्ट (जो भारत के प्रदेशों के उच्च न्यायालय- High Court जैसा है) के एक जज के चुनाव की खबर बड़ी सुर्खियों में आई है० इन सुर्खियों का तात्कालिक कारण तो उस चुनाव मे में हुए बड़े खर्च (करीब 8500 करोड़ रुपये) तथा एक अरब पति एलन मस्क द्वारा मतदाताओं को खरीद लेने की नाकाम कोशिश है०
पर भारत के बुद्धिजीवियों, लोकनीति विशषज्ञों (Public Policy Experts), संविधान विदों तथा पत्रकारों वगैरह के लिए इस खबर का महत्व का दूसरा कारण है० वह है कि- अमेरिका के कुल पचास में इक्कीस प्रदेशों में उन (High Court समकक्ष) जजों की बहाली एक आम चुनाव द्वारा होती है जिसमें राज्य का हरेक वयस्क नागरिक वोट डालता है० इसके पीछे यह धारणा है कि हाई कोर्ट जज पूरी जनता के प्रति जिम्मेदार होते हैं न कि किसी सरकार, या गवर्नर के प्रति !!
मान्यता तो भारत में भी जोर शोर से यही कही जाती है, पर प्रक्रिया के स्तर पर उसे एक दोष पूर्ण Collegium प्रणाली की मन मर्जी पर छोड़ दिया गया० केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद की लगातार असफल कोशिश भी रही है कि इन बहालियों को केन्द्रीय मन्त्रि परिषद के अधिकार में ले आया जाए०
इस खबर के Highlighted अंश को ध्यान से पढें और विचार करें कि क्यों नहीं भारत के प्रदेशों में भी High Court के जजों की बहाली पूरे राज्य के मतदाताओं द्वारा की जाए० मेरा मानना है कि वह मतदान एक साथ कई जजों का स्वीकृत पैनल बनाने के लिए "आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली" द्वारा करना न्याय पूर्ण और व्यावहारिक होगा०
-चन्द्र भूषण चौधरी
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